2024 मैं प्रमुख टॉप 10 एसईओ टेक्निक्स के बारे मैं जाने?

SEO जिसका फुल फॉर्म सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन हैं जिसमें जरिये हम सर्च इंजन रिजल्ट्स पेज पर रैंक करते हैं, SEO एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिसके टेक्निक्स time to time बदलते रहते है, इसलिए आज हम आपको top 10 Latest SEO Trends in Hindi for 2023 के बारे मैं बताएंगे। यह SEO के ऐसे टेक्निक्स हैं जिनका इस्तेमाल SERP पर रैंकिंग के लिए ट्रेंडिंग मैं चल रहा हैं।

SEO Trends जो एक ऐसा टॉपिक बन चूका हैं, जिसे लोग काफी हद तक सर्च करते हैं। लोग यह जानना चाहते हैं की SEO के जरिये SERP पर रैंकिंग के लिए कोन -कोन से ट्रेंडिंग टेक्निक्स हैं जिनका इस्तेमाल करके हम SERP पर टॉप पर रैंकिंग पा सकते हैं।

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के ट्रेंड जो time to time बदलते रहते हैं, जिसके कारण आपको SEO के फील्ड मैं up to date रहना पड़ता हैं, तथा इन ट्रेंड के मुताबिक चलना पड़ता हैं। सर्च इंजिन्स ( google, bing, yahoo ) के हर नए अपडेट के साथ नए नए SEO trend आते हैं, जिनके आधार पर आपको अपनी वेबसाइट को ऑप्टिमाइज़ करना पड़ता हैं।

2023 के Latest SEO Trends& techniques in Hindi के बारे मैं बताने से पहले आपको ये बता दे की SEO trend होते क्या हैं – यह ऐसे ट्रेंड या टेक्निक्स होते हैं जो अभी वर्तमान समय मैं प्रचलन मैं चल रहे हैं। इन ट्रेंड्स हिसाब से हम अपने वेबसाइट को ऑप्टिमाइज़ करके SERP पर रैंकिंग पा सकते हैं।

तो जानते हैं- 2023 के प्रमुख सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन टेक्निक्स –

Top 10 Latest SEO Trends & techniques in Hindi for 2023-

top 10 seo trends & techniques in 2023 - latest SEO trends in Hindi- Use structure data, AI tool, Voice search optimization, Core web vitals, Quality content over quantity, EAT convert EEAT, Semantic SEO, User experience, Link building, Video Content & image content.

  • Use structured data
  • AI tool
  • Voice search optimization
  • Core web vitals
  • Quality content over quantity
  • EAT convert  EEAT
  • Semantic SEO
  • User experience
  • Link building
  • Video Content & image content

Use structure data

Structure data जिसका  एक टाइप schema markup  भी हैं । यह एक ऐसी language होती हैं, जिसका उपयोग हम search engines को अपने पेज को समझाने के लिए करते हैं । अगर हमने अपने पेज मैं  स्कीम मार्कअप लगा रखा हैं तो search engines को हमारे पेज को समझने में आसानी होगी । 

Schema markup भले  ही  रैंकिंग फेक्टर नही हैं, पर  इसकी उपयोगिता बहुत ज्यादा हैं । अगर latest seo trend in 2023  की बात की जाए तो उसमें structure data का नाम जरूर आता हैं । क्योंकि यह हमें search engine results page पर एक unique snippet देता हैं।

स्कीमा मार्कअप के विभिन्न टाइप्स –

  • Article schema 
  • Video schema
  • Image schema 
  • Product schema
  • Sitelink search box 
  • FAQs schema 
  • Review schema
  • How to schema
  • Job posting
  • Recipe schema
  • Breadcrumb schema 
  • Event schema 
  • Carousel schema 

AI tool- 

AI जिसका पूरा नाम ARTIFICIAL INTELIJENCE हैं। AI जो कुछ सालो से बड़ी तेजी से वृद्धि कर रहा हैं। जिसके कारण इसकी महत्पूणता दिन – प्रति दिन बढ़ती जा रही हैं। AI यह एक ऐसा कम्यूटर या प्रोग्राम हैं जिसको मानव के द्वारा बनाया गया हैं। साधारण भाषा मैं कहैं तो ऐसी कोई  मशीन या प्रोग्राम जो मानव की तरह की सोचती हैं तथा काम करती हैं तो उसे हम artificial intelligence  कहते हैं। 

AI का इस्तेमाल आजकल ज्यादातर चीजों मैं किया जाने लगा हैं जैसे – voice search, auto driving car, analytics tool. जिसके  कारण इसकी महत्पूणता बढ़ रही हैं। 

Artificial Intelligence के आंकड़े –

  • दुनिया भर में AI  market  2025 तक 120 अरब डॉलर तक बढ़ जाएगा।
  • 2000 के बाद से AI स्टार्टअप की संख्या 14 गुना बढ़ गई है।
  • विश्व भर मैं  AI  सॉफ्टवेयर का  बाजार बढ़कर 22.6 अरब डॉलर हो जाएगा। 
  • AI के द्वारा बनाये गए voice  assistant 2023 तक 8 बिलियन तक पहुंच जाएंगे ।

By – techjury 

इन आकड़ो को देखकर आपको पता चल गया होगा की डिजिटल मार्केटिंग मैं ARTIFICIAL INTELIJENCE की क्या उपयोगिता हैं। किसी भी टाइप की ऑनलाइन मार्केटिंग मैं जैसे – seo, email marketing, social media marketing, search engine marketing. इन सभी टाइप की मार्केटिंग मैं हमें AI SOFTWARE की जरुरत पड़ती हैं। जिस कारण इसकी उपयोगिता बड़ रही हैं।

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वौइस् सर्च ऑप्टिमाइजेशन ट्रेंड्स –

वौइस्  सर्च ऑप्टिमाइजेशन एक ऐसा ऑप्टिमाइजेशन हैं, जिसमें हमें अपने वेबसाइट को वौइस् सर्च के लिए ऑप्टिमाइज़ करना  होता हैं। voice saerch जो धीरे – धीरे डेवलप होता  जा रहा हैं, जिसके कारण हमें अपनी वेबसाइट  को वौइस् सर्च के लिए ऑप्टिमाइज़ करना जरुरी बन चुका हैं। अगर आकड़ो की बात की जाए तो उनकी लिस्ट इस प्रकार हैं – 

Voices search के आकड़े –

  • पूरी दुनिया के पापुलेशन के  27 % लोग मोबाइल के जरिये वौइस् सर्च का उपयोग करते हैं। by – startup bonsai 
  • अगर वौइस् सर्च के जरिये कोई भी सर्च की जाती हैं तो उसको लोड होने मैं करीब 4 .6 सेकंड लगते हैं। 
  • यूनाइटेड स्टेट के टोटल पापुलेशन मैं से   40% लोग  वौइस् सर्च का उपयोग करते हैं। 
  • वौइस् सर्च के उपयोग की बात की जाए तो वो इस प्रकार हैं – playing music – 74%, check the weather – 66%, setting alarm- 58%. 
  •  स्मार्टर स्पीकर के प्रचलन के कारण  वौइस् सर्च मैं बहुत ज्यादा वृद्धि हुई हैं। 

इन आकड़ो को देखकर  पता चल गया होगा की वौइस् सर्च की उपयोगिता कितनी ज्यादा हैं। अगर latest SEO trends की बात करें उसमें वौइस् सर्च का नाम जरूर आएगा। इसी कारण हमें अपने वेबसाइट को वौइस् सर्च  के लिए ऑप्टिमाइज़ करना पड़ता हैं। 

Core Web vitals – 

Core web vitals जो  seo की एक techniques हैं, यह techniques जो धीरे-धीरे वृद्धि करती जा रही हैं । Core web vitals जो user experience पर निर्धारित हैं । इसमें तीन चीजों का बडा महत्व हैं   FCP, FID, CLS. इन तीन चीजों को मेजर करके आपका core web vital score आता हैं । 

Core web vital स्कोर डेस्कटॉप तथा मोबाइल दोनो के लिए  अलग अलग होता हैं । Google mobile के  core web vitals score को रेंकिंग  फेक्टर मैं रखता हैं । 

core web vitals के तीन पार्ट –

core web vitals in Hindi, 
कोर वेब वाइटल के तीन पार्ट - 1. LCP, 2. FID, 3. CLS
LCP- largest contentful paint.
FID- first input delay
CLS- cumulative layout shifting
  • LCP – LCP जिसका पूरा नाम largest  contentful paint हैं । अगर आपका LCP स्कोर 2.5 sec तक हैं तो आप good position में हैं, अगर आपका score 2.5 से ज्यादा हैं तो आप need improvement वाली कैटेगरी में हैं, अगर आपका score 4 sec से ज्यादा हैं तो आप bad category में आते हैं । 
  • FID – FID जिसका पूरा नाम first input delay हैं । अगर आपका FID स्कोर 100 ms से कम हैं तो आप good position में है, अगर आपका score 300 ms तक हैं तो आप need improvement वाली कैटेगरी में आते हैं, अगर आपका score 300 ms से ज्यादा हैं तो आप bad position में हैं। 
  • CLS- CLS जिसका पूरा नाम cummulative layout shift हैं। अगर आपका  CLS स्कोर  0. 1 हैं तो  वह गुड़ पोजीशन मैं हैं, अगर CLS स्कोर  0. 1 से ज्यादा हैं तो वह need improvement वाली कैटेगरी में आता  हैं, अगर आपका score 0. 25 से ज्यादा हैं तो आप bad position में हैं। 

Quality content over quantity- 

Quality content यह एक रैंकिंग फैक्टर हैं जो लम्बे समय से चलता आ रहा हैं, जिसकी महत्पूणता SEO के प्रति बहुत ज्यादा हैं।  इसमें हमें कंटेंट की quantity को न देखकर कंटेंट की quality पर ज्यादा  ध्यान देना हैं। कंटेंट की quality जो एक बहुत ही बड़ा फैक्टर हैं रैंकिंग का, जिसमें हमें अपने कंटेंट को quality content बनाना हैं।

Quality content के फैक्टर –

  • Put natural keyword 
  • Semantic SEO 
  • EAT optimization 
  • Readability 
  • Uniqueness 

 

EAT convert  EEAT-

EAT जो 25 december को EEAT में कन्वर्ट हो गया हैं । EAT जिसमें पहले तीन चीजे सामिल थी “Expertise, Authoritativeness, & trustworthiness” लेकिन 15 दिसंबर को  गूगल ने  EAT में एक और चीज सामिल किया हैं, वो हैं Experience.   अब EAT convert हो गया हैं EEAT / Experience, Expertise, Authoritativeness & Trustworthiness. 

EAT जिसको गूगल ने 2014 मैं लॉन्च किया।  गूगल ने इसे search की quality guidelines के अंतर्गत रखा। दिन प्रति दिन  search  engines की नजरो मैं EAT optimization एक जरुरी हिस्सा बन चूका हैं रैंकिंग का।  

Part of EEAT- 

  1. Experience 
  2. Expertise 
  3. Authoritativeness
  4. Trustworthiness

Experience -यह EAT के कांसेप्ट मैं हुआ एक बदलाव हैं, जिसमें हमने जो कंटेंट लिखा हैं उसे एक अनुभव के साथ लिखा होना चहिए । इस कॉन्सेप्ट के अंतर्गत गूगल इस टाइप के कंटेंट को डूडता हैं जिसे खुद अनुभव करके तथा महसूस करके लिखा गया हो ।

Expertise- इसमें सर्च इंजिन्स देखते हैं की अपना जो कंटेंट हैं वह किसी expert ने लिखा हैं या नहीं । मतलब आपका जो कंटेंट हैं वह इस प्रकार दिखना चाहिए की  जैसे किसी expert ने लिखा हैं। expertise का सीधा सम्बन्ध कंटेंट लिखने वाले राइटर से हैं। 

Authoritativeness- , इसमें हमने जो कंटेंट लिखा हैं उसमें हमारा अधिकार हैं या नहीं वो authority के अंतर्गत आता हैं। इसका सम्बन्ध website, main content, writer तीनो से हैं। इसको कई हिंट के साथ गूगल masure करता हैं। 

Trustworthiness- यह एक ऐसा टर्म हैं जिसकी महत्पूणता बहुत ज्यादा है। क्योकि लोगो का  आपपर भरोसा होना जरुरी हैं, जब लोग आपपर भरोसा करिंगे तभी वो  अपने आप को secure समझेंगे। आप जो भी आकड़े अपनी वेबसाइट पर डालते हैं वो करेक्ट होने चहिये। जिससे लोगो का आपपर  भरोसा बना रहें।

Semantic SEO –

Semantic SEO जो 2013 में लॉन्च हुई टेक्नीक्स हैं । इस  techniques को google ने hummingbird update के साथ लॉन्च किया । तब से अब तक यह optimization ( techniques) trend में चलता आ रहा हैं,  तथा 2023 में भी यह techniques प्रचलित रहेगी। 

Semantic SEO में हमें keyword की intent को समझकर optimization करना होता हैं । जैसे – मान लीजिए कोई आदमी google पर जाकर सर्च करता हैं डिजिटल मार्केटिंग क्या है, तो इस query पर आपका जो content होना चाहिए वह डिजिटल मार्केटिंग से रिलेटेड हर एक query को सॉल्व करना चाहिए। जैसे-  डिजिटल मार्केटिंग क्या हैं, यह कैसे काम करती हैं, इसमें कैरियर के अवसर, इसके फायदे, इसकी स्ट्रैटजी, इतियादी । 

अगर आपका कंटेंट कीवर्ड की intent को देखकर बनाया गया हैं तो आपका कंटेंट semantic SEO के लिए optimize हैं ।

User experience is still- 

User experience जो एक ऐसी चीज हैं जिसे बहुत लोग बहुत ज्यादातर नजर अंदाज करते हैं।  क्योकि यह एक रैंकिंग फैक्टर नहीं हैं,  पर फिर भी इस टॉपिक की महत्पूणता बहुत ज्यादा हैं। 

मान लीजिये की आपने SEO बेहतर डंग से किया और SERP पर  रैंकिंग प्राप्त की, तो जब लोग आपकी  वेबसाइट आये तब  उनका  experience आपके  प्रति  बेहतर नहीं था। जिसके कारण आपके ब्रांड के प्रति लोगो के मन मैं bad experience रहता हैं। अगर  UX ठीक रहता हैं तो वो आपको लम्बे समय तक users के साथ जुड़े रखता हैं। 

UX जिसमें कई चीजे  शामिल होती हैं जिनकी लिस्ट इस प्रकार हैं –

  • Page speed 
  • spelling error 
  • Website Layout
  • Broken link 

Link building – 

Link building जो  बड़े लम्बे समय  से  SEO टेक्निक्स  के अंतर्गत आने वाली वाली टेक्निक्स हैं।  कही लोगो का यह मानना हैं की लिंक बिल्डिंग अब उतनी महत्पूणता नहीं रखती, लेकिन बैकलिंक्स की महत्पूणता अभी  भी उतनी ही हैं जितनी पहली थी। 

Backlink जो हमें एक reference प्रदान करते हैं । इस रेफरेंस के करण search engines ( bots  ) को यह लगता हैं की इस website का connection कई लोगों के साथ हैं । जब  हमारे website पर कई अलग अलग प्लेटफार्म से  रेफरेंस आता हैं तो बोट्स के मन में हमारे प्रति एक मेहनत की भावना दिखती हैं । जिसके करण हमें रेंकिंग मैं  मदत मिलती हैं ।

लिंक बिल्डिंग जो 2023 में भी एक रेंकिंग टेक्नीक्स होगी । जिसके जरिए हमें SERp पर रेंकिंग मैं आसानी होगी ।

Video content & image content – 

सर्च  इंजन ऑप्टिमाइजेशन जो कटेंट पर टिका हैं।  बिना कंटेंट के SEO का कोई मतलब नहीं, इसी कंटेंट को हमें  इमेज & वीडियो के फॉर्मेट मैं बनाना हैं।  तथा इमेज &  वीडियो का ठीक  से SEO करना हैं, जिसके फलसरूप  वह SERP पर रैंक कर  सकता हैं तथा इसके ज़रिए हम मार्केटिंग कर सकते हैं। 

वीडियो जो इमेज और ऑडियो का कॉम्बिनेशन हैं जिसके जरिये आप बड़ी आसनी से लोगो को अपने ब्रांड के बारे मैं अवेयर करा सकते हैं। और दूसरी तरफ images एक ऐसा पार्ट हैं कंटेंट का जिसके जरिये कंटेंट को समझने मैं आसानी होती हैं।  अगर हम images को इन्फोग्राफिक के फॉर्मेट मैं बनाते हैं   तो हम इसके जरिये  अपने बिज़नेस के लिए Statistics, Chart, buyer persona, इतियादी बना सकते हैं।

Video & image कंटेंट के आकड़े –

  • वीडियो क्रिएशन का सबसे बड़ा प्लेटफार्म Adobe Premiere Pro है, जिसका उपयोग 61% मार्केटर करते हैं। 
  • 36 % डिजिटल मार्केटर का कहना हैं की हम वीडियो कंटेंट का उपयोग ब्रांड अवेयरनेस & नए दर्शकों तक  पहुंचने के लिए करते हैं। 
  • इन्फोग्राफिक्स चौथा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला कंटेंट मार्केटिंग फॉर्मेट  है। 
  • पिछले चार वर्षों में B2B marketing मैं इन्फोग्राफिक्स के उपयोग में सबसे बड़ी वृद्धि हुई है। 

निष्कर्ष –

आसा होगी की आप सभी को top 10 लेटेस्ट एसईओ ट्रेंड्स के बारे मैं पता चल गया होगा। आज हमने आपको इस आर्टिकल मैं 2023 मैं चल रहें टॉप 10 सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ट्रेंड्स के बारे मैं बताया जैसे – Use structure data, AI tool, Voice search optimization, Core web vitals, Quality content over quantity, EAT optimization, Semantic SEO, User experience, Link building, Video Content & image content.

ये वो टॉप 10 टेक्निक्स हैं जो 2023 मैं ट्रेंडिंग मैं चल रहे हैं। हमें इन trends को समझना हैं तथा अपने SEO टेक्निक्स के अंतर्गत इन्हें अप्लाई करना हैं। एक बात का आपने ध्यान रखना हैं की इन ट्रेंड्स के आ जाने से SEO का बेसिक नहीं बदलने वाला। SEO जिसमें समय – समय पर नई -नई टेक्निक्स आते रहते हैं, इन नए टेक्निक्स को हमें अपनाना हैं, तथा SEO के बेसिक टेक्निक्स को साथ लेके चलना हैं।

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