भारत की आजादी

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स्वतंत्र भारत

भारत की आजादी

हिंदुस्तान एक ऐसा देश रहा हैं जो अंग्रेजो के अधीन 200 साल तक ग़ुलाम रहा, अगर आज भारत स्वंतंत्र हैं, तो उसके पीछे कई स्वंत्रता सेनानियों का योगदान हैं, भारत को 15 अगस्त 2022 को आज़ाद हुए 75 साल हो गए हैं। आज भारत आज़ाद हैं इसका कारण हैं, तो इसका प्रमुख कारण एकता और देश को आजाद करने का सपना था, आज हम आपको भारत की आज़ादी था, गुलामी के बारे मैं बताएँगे।

 

हिंदुस्तान मैं गुलामी

भारत हमेशा एक आजाद देश नहीं था, इस देश को आजाद किया गया। भारत करीब अंग्रेजो से 200 साल गुलाम रहा हैं, इस गुलामी मैं भारत के कई लोग मरे गए, तथा शोसित किये गए।

 

भारत मैं गुलामी

 

भारत मैं अग्रेजो का उदय 1600 ईस्वी मैं हुआ। जब ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना भारत मैं हुई , उस समय से भारत का गुलामी काल शुरू हुआ। भारत मैं अंग्रेजो का आगमन 24 अगस्त 1608 ईस्वी को हुआ, तथा उनका पहला कारखाना सूरत मैं स्थापित हुआ , यही से ही उन्होंने भारत मैं व्यापर की शुरुवात हुई।

 

धीरे -धीरे भारत मैं अंग्रेजों का शासन बढ़ रहा था, अंग्रेजों का उद्देश्य पूरे भारत मैं शासन करना हैं। अंग्रेजो से शासन की शुरुआत प्लासी से युद्ध से हुई , इस युद्ध मैं अंग्रेजो की जीत के बाद भारत मैं अंग्रेजो का शासन शुरू हुआ। फिर बक्सर से युद्ध मैं अंग्रेजो की जीत से पुरे भारत मैं अंग्रेजो का शासन हुआ।

 

स्वंत्रन्त्र भारत की आज़ादी का उदय?

 

भारत की आजादी का उदय

 

आज़ादी का उदय

 

भारत मैं अंग्रेजों के बढ़ते शासन के विरोध मैं भारतवासियो ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करने शुरू लिए। भारत का पहला स्वंतंत्रा संग्राम 1857 मैं हुआ, जिसे 1857 का विद्रोह खा जाता हैं इस विद्रोह से पूरे भारत मैं स्वंतन्त्रा की एक आग भड़की जो भारत को स्वंतंत्र करके ही सांत हुई।

 

1857 की क्रांति मैं लोगो का उद्देश्य अंग्रेजो को भारत से खदेड़ निकलना था। इस क्रांति मैं कई स्वंतंत्रा सेनानियों ने अपना बलिदानं ( योगदान ) दिया। इनकी प्रकार से हैं,

 

  • कुंवर सिंह
  • रानी लक्षमी बाई
  • नाना साहेब
  • तात्या टोपे
  • खान बहादुर
  • गजाधर सिंह

धीरे -धीरे भारत मैं अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह शुरू होने लगे , पहले 1857 की क्रांति चली जिससे अंग्रेज डर गये , फिर गाँधी जी का दौरा आया जब गाँधी जी भारत आयें, गाँधी जी 9 जनवरी 1915 को भारत मैं आये , तब से गाँधी जी का अहिंसावादी मंत्र चला।

 

गाँधी जी ने भारत मैं अंग्रेजों के खिलाफ अपना आंदोलन शुरु किया, आंदोलन चम्पारण आन्दोलनं के नाम से चलाया गया, इस आंदोलन मैं गाँधी जी ने विरोध को सत्याग्रह के माध्यम से चलाया। गाँधी जी का ये कहना था का बिना हिंसा के भी हम अंग्रेजों को भारत से निकाल सकते हैं।

 

गाँधी जी का अंतिम आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन यह एक ऐसा आंदोलन बना जिससे भारत को आज़ादी मिली था। यह आंदोलन भारत की आज़ादी का अंतिम महान आंदोलन था, इस आंदोलन से ही अंग्रेज भारत छोड़ने मैं मजबूर हो गए। इस प्रकार भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ।

 

 

15 अगस्त 1947

यह एक ऐसा दिन जिसके लिए भारत के जवानों ( सेनानियो) ने अपना बलिदान दिया। इस दिन का इंतजार भारत वासियों को बढ़ी बेसब्री से था , फिर वो दिन आ ही गया।

 

दिल्ली के प्रिंसेस पार्क मैं सभी लोग हुए , 14 अगस्त की रात 11 : 55 मिनट पर संसद से सेंट्रल हॉल मैं जब जवाहर लाला नेहरू की आवाज गुजी तो पूरी भीड़ उत्साह से उमड़ पढ़ी, नेहरू जी ने कहा की हमने जो वादा अपने सैनिक ( वीरो ) से किया था आज वो पूरा होने वाला हैं जिसके लिए पूरा भारत उत्सुक हैं, तथा जिस समय पूरी दुनिया सो रही हम अपनी आज़ादी का जसन मनाएंगे।

 

जैसे ही 12 :00 बहे तो पूरे संसद के सेंट्रल हॉल मैं भारत की आज़ादी के नारे लगे, सभी लोग गाँधी जी के नारे था हिंदुस्तान के नारे लगा रहे थे। लोग शंख बजा रहे थे, लोगो मैं एक आज़ादी की एक खुसी थी, इस समय एक नए भारत का उदय हुआ, जो स्वतन्त्र भारत था। उस समय की खुसी को बता पाना संभव नहीं।

 

संसद भवन मैं खुसी का कोई ठिकाना नहीं था। उस समय सुचेता कृपलानी जो उतर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी उन्होंने ”सारे जहाँ अच्छा हिंदुस्तान हमारा ” तथा “वन्दे मातरम” गया। इन गिदो की गुज से पूरा भारत खिल उठा। यह सिर्फ एक आजादी नहीं यह नए भारत की शुरुआत थी।

 

 

आज भारत अपना 75 वा स्वंतंत्रा दिवस मना रहा हैं। additionally भारत के लिए आज का दिन बड़ा बड़ा सुनहरा रहा। पुरे देशवासियो को आज अपने शहीद सूरवीरों पर गर्व हैं, तथा भारत की आजादी पर खुशी। जय हिन्द

आप सभी लोगो को आज़ादी के इस अवसर से लिए सुभकामनाये।

अगर आपको स्वतंत्रा दिवस के लिए बैनर की आवश्यकता हैं तो आपको यह से ले सकते हैं बिलकुल फ्री

 

independence day

 

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